शेयर बाजार जिसे हम स्टॉक मार्केट के नाम से भी जानते हैं, शेयर बाजार, एक स्पेशल प्लेटफार्म है जहा पर ब्रोकर के माध्यम से share का क्रय-विक्रय किया जाता है, यहां पर विभिन्न कंपनियों स्टॉक का Buy और Sell किया जाता है, शेयर बाजार में किसी सौदे को करने के लिए Buyer और Seller मौजूद होते है. जैसे – TATA Steel के 100 share को रमेश द्वारा 140 प्रति share बेचा जिसे श्याम द्वारा 140 प्रति share पर खरीद लिया.
October10, 2024 by Investment Pari
शेयर बाज़ार क्या हैं.
शेयर बाजार को अंग्रेज़ी में ” स्टॉक मार्केट (Stock Market)” कहते हैं. यह एक ऐसा मंच है जहाँ विभिन्न कंपनियों के शेयरों की खरीदारी और बिक्री किया जाता हैं, जिसके पास जितना शेयर होता है. वह उतना ही व्यवसायों में स्वामित्व को दर्शाता है। स्टॉक मार्केट, इक्विटी मार्केट या शेयर मार्केट वह जगह है जहाँ लोग स्टॉक खरीदते और बेचते हैं।
भारत में दो शेयर बाजार हैं – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज। इसके अंतर्गत विभिन्न कंपनियों के शेयरों की खरीदारी और बिक्री किया जाता हैं. व्यापारी शेयर बाजार पर ऑफ़लाइन व्यापार कर सकते हैं या एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने शेयर बाज़ार में शेयरों की खरीदारी और बिक्री कर सकते है| ऑफ़लाइन व्यापार करने के ट्रेडिंग खाता की आवश्यकता होती हैं.
ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज.
- पहचान प्रमाण के लिए, जैसे कि आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या वोटिंग आईडी
- पते का प्रमाण के लिए, जैसे कि टेलीफ़ोन बिल, बिजली बिल, या पानी बिल
- पैन कार्ड
- बैंक विवरण
- आपकी व्यक्तिगत जानकारी
- नामांकन विवरण
ट्रेडिंग खाता कैसे खोलें.
ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए, आपको ये कदम उठाने होंगे:
- सबसे पहले आप किसी अच्छे ब्रोकरेज फ़र्म का चयन करें.
- फिर ब्रोकर की वेबसाइट या शाखा पर जाकर, ट्रेडिंग खाता आवेदन पत्र भरें.
- आवेदन के साथ, दस्तावेज़ जमा करें
- KYC प्रक्रिया पूरी करें.
- सत्यापन पूरा होने के बाद, आपको अपका ट्रेडिंग खाता चालू हो चिका हैं.
- खाते में पैसे जमा कर ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
शेयर बाज़ार कैसे सीखें?
शेयर बाज़ार सिखने के लिए क्या करना चाहिए ? शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले आपको शेयर बाज़ार के बारे में जानकारी प्राप्त करें. ज्यादा से जायदा निवेश की पुस्तकें पढ़े, आपना एक सलाहकार दोस्त बनाये जो आपको शेयर बाज़ार के बारे में बता सकें. उन लोगो के साथ रहे जो शेयर बाज़ार की पूरी जानकारी रखते हो, बाज़ार की निगरानी और विशलेषण करें ताकि आपको पता हो की बाज़ार में क्या – क्या परिवर्तन हो रहा हैं. जिससे आपको भारी नुकसान से बच सकें|
शेयर बाज़ार में निवेश करेने से पहले बाज़ार के नियमो को ध्यान से पढ़ लें. जिससे आपको शेयर बाज़ार को समझाने में सहायता मिलेगी |
शेयर बाज़ार में कितने तरह से ट्रेडिंग कर सकते हैं?
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के प्रकार निम्नलिखित हैं –
- इंट्राड ट्रेडिंग,
- पोजिशनल ट्रेडिंग,
- स्विंग ट्रेडिंग,
- लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग,
- स्केलिंग ट्रेडिंग,
- मोमेंटम ट्रेडिंग.
इंट्राड ट्रेडिंग.
इंट्राडे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING) किसी भी शेयर को एक ही दिन में खरीद कर बेचना होता है. इसका मकसद, बाज़ार की अस्थिरता का फ़ायदा उठाकर कम समय में प्रॉफिट कमाना होता है. इंट्राडे ट्रेडिंग में, बाज़ार बंद होने से पहले सभी पोज़िशन बंद कर दी जाती हैं.
पोजिशनल ट्रेडिंग.
पोजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) जो “थोड़ी लंबी अवधि की रणनीति है जिसमें एक व्यापारी शेयरों को लंबे समय तक रखता है जो कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक हो सकता है।” एक पोजिशनल ट्रेडर इस उम्मीद के साथ स्टॉक खरीदता है कि भविष्य में इसकी कीमत बढ़ेगी। इसे स्टॉक में पोजिशन लेना कहते हैं।
पोजिशनल ट्रेडिंग में, ट्रेडर:
- तकनीकी और मौलिक विश्लेषण में निपुण होते हैं.
- लंबी अवधि के चार्ट (साप्ताहिक, मासिक) का इस्तेमाल करते हैं.
- लंबी अवधि पर विचार करते हैं और शॉर्ट-टर्म घुमावों की परवाह नहीं करते.
- मौलिक बाज़ार विश्लेषण और दीर्घकालिक झुकाव पर ज़्यादा भरोसा करते हैं.
पोजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) का उद्देश्य लॉन्ग टर्म में होने वाले अधिक महत्वपूर्ण प्राइस मूवमेंट से लाभ प्राप्त करना है। कई दिनों या हफ्तों तक पोजीशन रखने से, व्यापारी महत्वपूर्ण बाजार रुझानों से लाभ उठा सकते हैं और संभावित रूप से शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग स्ट्रेटजीयों की तुलना में अधिक लाभ कमा सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग.
स्विंग ट्रेडिंग (swing trading) एक तरीका है जहां “ट्रेडर अपेक्षित कीमत ट्रेंड के आधार पर स्टॉक खरीदते और बेचते हैं, जो एक रात से लेकर कई सप्ताह तक रह सकते हैं.” इसका लक्ष्य बड़े ट्रेंड के भीतर शॉर्ट-टर्म अप और डाउन से मुनाफा कमाना है.
लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग.
लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग या दीर्घावधि व्यापार का मतलब है, शेयर बाज़ार में लंबे समय तक पोज़िशन बनाए रखना. इसमें आम तौर पर कई महीनों से लेकर सालों तक शेयर को खरीद कर रखे जाते हैं. लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में, निवेशकों का मकसद किसी एसेट के मूल्य में वृद्धि से लाभ कमाना होता है.
स्कैल्पिंग ट्रेडिंग.
स्कैल्पिंग एक ट्रेडिंग योजना है जिसमें निवेशक एक ही दिन में कई बार एक ही स्टॉक खरीदता और बेचता है. इसका मकसद, छोटे मूल्य परिवर्तनों से लाभ कमाना होता है. इस रणनीति का इस्तेमाल करने वाले निवेशकों को स्केलपर्स कहा जाता है. स्केलिंग, एक लोकप्रिय ट्रेडिंग तकनीक है. इसमें, निवेशक एक दिन में कुछ से लेकर सौ से ज़्यादा ट्रेड कर सकते हैं.
स्कैल्पिंग की खासियत :-
- स्कैल्पिंग में, निवेशक हर ट्रेड से थोड़ा मुनाफ़ा कमाने की कोशिश करते हैं.
- बड़ी संख्या में विजेताओं के ज़रिए सफल ट्रेडिंग रणनीति बनाई जाती है.
- कम जोखिम का विचार अपनाया जाता है.
- बाज़ार में वास्तविक समय काफ़ी कम होता है, जिससे किसी प्रतिकूल घटना के कारण बड़ा बदलाव होने का स्कैल्पिंग कम हो जाता है.
- अनुशासन, निर्णायकता, और सहनशक्ति की ज़रूरत होती है.
- एक बड़ा नुकसान अन्य सौदों में किए गए सभी छोटे मुनाफ़े को खत्म कर सकता है.
- बार-बार व्यापार करने से लेन-देन लागत बढ़ जाती है.
मोमेंटम ट्रेडिंग.
मोमेंटम ट्रेडिंग ( momentum trading) इस विचार पर आधारित है कि जो स्टॉक एक दिशा में मजबूती से चल रहे हैं, वे ऐसा करना जारी रखेंगे। ट्रेडर्स उन परिसंपत्तियों को खरीदते हैं जो बढ़ रही हैं और उन परिसंपत्तियों को शॉर्ट बेचते हैं जो गिर रही हैं, निरंतर मूल्य आंदोलनों का लाभ उठाते हुए।
Disclaimer
यहां पर दिए गए जानकारी केवल शिक्षा के उद्देश्य से दिया गया है किसी भी गड़बड़ी के लिए यह वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगा अतः पूर्ण सावधानी और नियमों का पालन करते हुए शेयर बाज़ार में निवेश करें.
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